चुनार नगर पालिका इतिहास पर नजर डाले तो यहां 1890 से 1904 तक नगर पालिका परिषद थी। इसके बाद इसे दो भागों सेटलमेंट नोटीफाइड एरिया और चुनार नोटीफाइड एरिया में बांट दिया गया।
पहले भाग में तहसील, अस्पताल, किला, चर्च मिशन स्कूल, अंग्रेजों का कब्रिस्तान आदि थे।
1928 तक यहां का चेयरमैन कोई ऐंग्लोइंडियन ही होता रहा। इसी क्षेत्र में लोवर लाइन बस्ती भी थी जहां अधिकांश अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी रहते थे।
जब यहां के दूसरे भाग चुनार नोटीफाइड एरिया की स्थापना हुई यहां की आबादी मात्र सात हजार थी। इस क्षेत्र का अध्यक्ष भारतीय होता था।
देश के स्वतंत्र होने के बाद 1949 में उक्त दोनों एरिया को मिला दिया गया और पुन: इसे नगर पालिका परिषद का दर्जा दिया गया।
आम चुनाव में पहले अध्यक्ष बने ठाकुर दौलत सिंह
इसका प्रथम आम चुनाव 1951-52 में हुआ जिसमें कांग्रेस पार्टी के सदस्य रहे ठाकुर दौलत सिंह को कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं दिया और उन्होंने इससे क्षुब्ध होकर प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर पहला अध्यक्ष बनने का इतिहास रच दिया।
जीतने के बाद उन्हें कांग्रेस ने पुन: अपना सदस्य बना लिया। इन्होंने पुन: 1956 में चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बन 1962 तक कुर्सी पर काबिज रहे।
इनके बाद क्रमश: डा. श्यामनाथ शर्मा, नन्हकू राम कुशवाहा, अध्यक्ष बने। 1977 में पालिका परिषद कमेटी को भंग कर दिया गया।
ये लोग रहे कार्यवाहक अध्यक्ष
यहां के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में शंकर अवस्थी, शिव प्रसाद कमल, रामजी यादव, झाझू राम, जवाहिर लाल कुशवाहा, मोती लाल कुशवाहा ने भी कुर्सी संभाली थी।
प्रभारी अधिकारी के रूप में प्रशासनिक अधिकारी
1977 से 1988 के मध्य इसका कार्यभार एक दर्जन से अधिक प्रशासनिक अधिकारियों के पास प्रभारी अधिकारी के रूप में रहा जिनमें बी राम पीसीएस, आरके शर्मा आईएएस, लव वर्मा आईएएस, मुकेश मित्तल पीसीएस, शंभूनाथ यादव पीसीएस, बीबी वर्मा पीसीएस, बीबी वर्मा पीसीएस, राजमणि यादव पीसीएस, गिरजाशंकर जोशी पीसीएस, दयाशंकर पांडेय पीसीएस, कुमार कमलेश आईएएस, जेबी सिंह पीसीएस, अशोक कुमार श्रीवास्तव पीसीएस, अमरनाथ गुप्ता पीसीएस, संकठा प्रसाद तिवारी पीसीएस, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव पीसीएस आदि थे।
1988 में हुये चुनाव में डॉ. श्यामनाथ शर्मा पुन: अध्यक्ष बने। वे 1.12.88 से 11.9.92 तक अध्यक्ष रहे।
इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में राकेश सोनकर ने 23.9.92 से 18.1.94 तक कार्य किया।
इसके बाद प्रभारी अधिकारी के रूप में पालिका का चार्ज राम नारायण पीसीएस के पास 19.1.94 से 8.7.94 तक रहा। उनके बाद 9.7.94 से 30.11.95 तक एसके सिंह पीसीएस यहां के प्रभारी अधिकारी रहे।
1995 में हुये चुनाव में श्रीमती रेखा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत कर 1.12.95 से 30.11.2000 तक अध्यक्ष की कुर्सी को सुशोभित किया। 1.12.2000 से 29.11.2005 तक अध्यक्ष की कुर्सी श्रीमती रेखा वर्मा के पति विजय कुमार वर्मा के पास रही।
30.11.05 से 16.11.06 तक यहां प्रशासक के रूप में एके पांडेय पीसीएस ने कार्यभार का निर्वहन किया।
2006 में हुये चुनाव में विजय श्री कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती हसीना बेगम के हाथ लगी जिन्होंने 16.11.06 से कार्यभार ग्रहण किया और नगर पालिका परिषद भंग होने तक अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान रही।
हसीना बेगम के बाद उनके पति मंसूर अहमद जी उसके बाद लगातार तीन बार विजयी हुए और 2023 में हुए नगर पालिका चुनाव में तीसरी बार विजय हो के इतिहास रच दिया।
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